Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
अभिषेक बनर्जी ने तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस के मौके पर अपने संबोधन में महिला सुरक्षा और आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव एवं डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा कि यदि केंद्र सरकार ने दुष्कर्म के खिलाफ सख्त कानून नहीं बनाया तो वे इसको लेकर लोकसभा में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी भी दी कि आगामी तीन-चार महीनें में दुष्कर्म विरोधी सख्त कानून नहीं लाया गया तो तृणमूल नई दिल्ली में बड़ा आंदोलन करेगी।
अभिषेक बनर्जी ने तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस के मौके पर अपने संबोधन में महिला सुरक्षा और आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के खिलाफ देश में ऐसा कानून आना चाहिए जिससे एक से दो महीने में न्याय प्रक्रिया पूरी हो और दोषियों को सजा दी जाए। यदि केंद्र सरकार इस कानून को नहीं लाती है तो वे एक प्राइवेट मेंबर बिल के जरिए इसे संसद में पेश करेंगे और कानून बनाकर दिखाएंगे।
उन्होंने कहा कि छात्र संघ चुनावों में 55 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार महिला आरक्षण विधेयक लायी थी लेकिन वह सिर्फ दिखावा था। हमारी पार्टी के 29 सांसदों में से 12 महिला सांसद हैं। हमने पंचायत स्तर पर 50 फीसदी आरक्षण देकर दिखाया है। अब छात्रसंघ चुनावों में 55 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी।
अभिषेक ने सीबीआई की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए और कहा कि सारदा मामले की जांच को 10 साल हो चुके हैं लेकिन अब तक अंतिम चार्जशीट दाखिल नहीं हुई, ट्रायल तो दूर की बात है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल तृणमूल को कमजोर करने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और अन्याय की घटनाएं सबसे ज्यादा भाजपा शासित राज्यों में होती हैं। एनसीआरबी के अनुसार उत्तर प्रदेश पहले, मध्य प्रदेश दूसरे, राजस्थान तीसरे और महाराष्ट्र चौथे स्थान पर है। ऐसे में उन्हें योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं से इस्तीफा मांगना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक ने आरजी कर अस्पताल की घटना को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि जो लोग हठयोग कर महिलाओं की अस्मिता का सौदा करते हैं उन्हें बंगाल की राजनीति सिखाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोहा हैं, जितना मारोगे, उतना मजबूत होंगे। जो लोग इस घटना को लेकर राजनीति कर रहे हैं, वे बंगाल के लोगों के सामने बेनकाब हो चुके हैं।
अभिषेक बनर्जी ने 14 अगस्त को महिलाओं के 'रात दखल' कार्यक्रम का भी समर्थन किया और कहा कि हम उनके संघर्ष को सम्मान देते हैं जिन्होंने सड़कों पर उतरकर विरोध किया, उनकी मांग सिर्फ एक है- एक ऐसा समाज बनाना जो दुष्कर्म-मुक्त हो और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले। अभिषेक ने कहा कि यदि भाजपा में हिम्मत है तो वे भी हर साल 28 अगस्त को बंद का आह्वान करें। देखना चाहिए कि बंगाल के लोग इसे कैसे विफल करते हैं।